इन टिप्स से मजबूत बनाएं शरीर की Immunity, जानें कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र के लक्षण और संक्रमण से रहे दूर
यदि आप बार-बार किसी
प्रकार के संक्रमण या फिर मौसमी एलर्जी से ग्रसित हो जाते है तो इसका मतलब है कि
आपकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए
किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, 24 से 30 अप्रैल तक आयोजित होने वाले
प्रतिरक्षा सप्ताह के मौके पर जानकारी दे रहें हैं
रोग प्रतिरोधक शक्ति शरीर
में मौजूद टॉक्सिन्स से लड़ने की क्षमता होती है। शरीर में टॉक्सिन के बहुत सारे
कारण हो सकते हैं, जैसे बैक्टीरिया, वायरस या फिर अन्य नुक़सानदेह पैरासाइट्स।
शरीर के आसपास बहुत सारे बैक्टीरिया और वायरस मौजूद होते हैं, जो आपको कई तरह की
बीमारियों से ग्रसित कर देते हैं। शरीर को बाहरी संक्रमण और बीमारियों से बचाकर
रखने के लिए शरीर के अंदर एक रक्षा प्रणाली होती है, जिसे इम्यून सिस्टम या रोग
प्रतिरोधक शक्ति कहते हैं। अगर आपकी इम्यूनिटी मजबूत है, तो आप न केवल बदलते मौसम
में होने वाली सर्दी, खांसी जैसी समस्या से बचे रहते हैं, बल्कि इसकी वजह से आप
हेपेटाइटिस, फेफड़े के संक्रमण, किडनी के संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचे
रहते हैं। अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी इम्यूनिटी मजबूत
नहीं है, क्योंकि इम्यूनिटी मजबूत रहने पर व्यक्ति न केवल कम बीमार पड़ता है, बल्कि
बीमार पड़ने पर जल्दी ठीक भी हो जाता है।
कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति का लक्षण
1. मौसम बदलने के साथ
सर्दी-जुकाम हो जाना।
2. हर समय सुस्ती-सी
महसूस होना।
3. बीमार होने पर जल्दी
ठीक न हो पाना।
4. थोड़ा काम करने पर भी
थक जाना।
ऐसे बढ़ा सकते हैं प्रतिरोधक क्षमता
अपनी दिनचर्या और खान पान
में थोड़ा बदलाव कर आप खुद को स्वस्थ रखने के साथ-साथ अपनी इम्यूनिटी को भी सुधार
सकते हैं। जब आपका इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहेगा, तभी आप अच्छी सेहत के मालिक बने
रह सकेंगे। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम के साथ-साथ अपने खान पान में
सजगता बरतने के अलावा अपने आहार में उन चीजों को शामिल करना भी जरूरी है, जो आपके
शरीर को पोषण प्रदान करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली हों। इसके
लिए आप किसी डाइटीशियन से सलाह भी ले सकते हैं। अपने आहार में चिप्स,
फ्रैंचफ्राइज, पास्ता, सफेद आटा, डिब्बा बंद आहार, सोडा ड्रिंक, रेड मीट आदि को
भूलकर भी शामिल न करें, क्योंकि इनसे न चाहते हुए भी इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
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| सुबह के नाश्ते |
सुबह के नाश्ते को न करें नज़रअंदाज़
सुबह के नाश्ते की अनदेखी
करना बहुत सारे लोगों की आदत होती है। इससे न केवल ऐसे लोगों की सेहत खराब होती
है, बल्कि इसका असर उनकी इम्यूनिटी पर भी पड़ता है। अगर आप अपनी इम्यूनिटी को
सुधारना चाहते हैं, तो आप कितनी भी जल्दी में क्यों न हों, सुबह का नाश्ता जरूर
करें। यह सुनिश्चित करें कि आपके सुबह के नाश्ते में प्रोटीन की भरपूर मात्रा हो।
अपने सुबह के नाश्ते में उबले अंडे, मौसमी ताजे फल, दलिया, नट्स, अंकुरित अनाज के
साथ जूस या लस्सी को शामिल कर सकते है । जब आपके दिन की शुरुआत सही नाश्ते से होती
है, तो इससे आपके शरीर और दिमाग दोनों को पोषण मिलने के साथ आपकी रोग प्रतिरोधक
क्षमता भी बढ़ती है।
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| वजन नियंत्रित |
वजन को रखें नियंत्रित
मोटापा के वजह से बहुत
सारी बीमारियाँ हो जाती है। मोटे लोग पतले लोगों के मुकाबले पेट से जुड़ी
बीमारियों से ज्यादा ग्रसित होते हैं। मोटापे की वजह से आप डायबिटीज़ और रक्तचाप
जैसी समस्याओं से भी पीड़ित हो सकते हैं। मोटापे की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता भी कम होने लगती है। मोटापे की वजह से सफेद कोशिकाएं बनने में दिक्कत होती
है। जब शरीर में सफेद कोशिकाएं कम होने लगती हैं, तो प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती
है।
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शारीरिक सक्रियता |
शारीरिक सक्रियता जरूरी हैं
खुद को स्वस्थ रखने और
अपनी इम्यूनिटी को सुधारने के लिए शरीर का सक्रिय रहना जरूरी है। जब आप काम नहीं
करते हैं और भूख लगने पर खाना खा लेते हैं, तो आप पेट से जुड़े बहुत सारे रोगों से
ग्रसित हो जाते हैं। शारीरिक निष्क्रियता आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी
प्रभावित करती है। इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा
बनाएं। जब आप व्यायाम करते हैं, तो आपका स्टेमिना बढ़ता है। आप जो एनर्जी लेते हैं,
वो पच जाने से आपकी पाचन क्षमता दुरुस्त रहती है। इसके लिए आप अपने व्यायाम में
योग और मेडिटेशन के साथ सैर को भी शामिल कर सकते हैं।
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| नींद |
पूरी नींद लेना है जरूरी
सेहतमंद रहने के लिए यह
बहुत जरूरी है कि आप पूरी नींद पूरी लें। डॉक्टरों का भी मानना है कि स्वस्थ रहने
के लिए आठ घंटे की गहरी नींद जरूरी है। सेहत से जुड़ी बहुत सारी समस्याओं की वजह
नींद पूरी न हो पाना है। बदलती हुई दिनचर्या में आप रात के समय भी काम करते हैं,
जिसकी वजह से आपकी नींद पूरी नहीं होती है। अगर आप खुद को स्वस्थ रखने के साथ अपनी
इम्यूनिटी को सुधारना चाहते हैं, तो इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप खुद को
अनावश्यक तनाव से दूर रखें और गहरी नींद लें ।
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
खुद को स्वस्थ रखने के
लिए यह बेहद जरूरी है कि नशीली वस्तुओं से दूरी बनाए। अगर आप नियमित तौर पर शराब
और सिगरेट का सेवन करते हैं, तो खुद को स्वस्थ रखने और इम्यूनिटी को सुधारने के
लिए अपनी इस आदत पर नियंत्रण रखें। अपने खान पान में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले
खाद्य पदार्थ को शामिल करें। इसके अलावा नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में
शामिल करें।
इन बातों का रखें ध्यान
1. अपने आसपास का वातावरण
साफ-सुथरा रखने के अलावा अपनी शारीरिक स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि बहुत
सारी बीमारियों का कारण गंदगी होती है।
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| तुलसी |
2. तुलसी और करी पत्ता
में एंटी ऑक्सिडेंट तत्वों की बहुतायत होती है। प्रतिदिन इनकी आठ-दस पत्तियां
चबाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
3. रोजाना थोड़ी देर धूप
में बैठें, ताकि आपका सामना सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से हो। धूम विटामिन डी
का बेहतरीन स्रोत होती है, जो हड्डियों को मजबूती देने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली
को भी दुरुस्त करती है।
शरीर पर लगातार विभिन्न प्रकार की बीमारियों के वाहक जीवाणुओं के हमले होते रहता है। ये हमले नाकाम तभी हो सकते हैं जब शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। इसको अपने दिनचर्या में शामिल शामिल करके मजबूत कर सकते हैं आइए जानते हैं
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| शुद्ध जल |
जल
यह प्राकृतिक औषधि है।
प्रचुर मात्रा में शुद्ध जल के सेवन से शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर
निकल जाते हैं जिससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। फ्रिज के पानी के सेवन से बचें।
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| संतरा |
रसदार फल
संतरा, मौसमी आदि रसदार
फलों में भरपूर मात्रा में खनिज लवण तथा विटामिन सी होता है। प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ाने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप चाहें तो फल खाएँ या इनका रस
निकालकर भी पी सकते हैं। रस में शकर या नमक न मिलाएँ।
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| गिरीदार फल |
गिरीदार फल
सर्दी के मौसम में
गिरीदार फलों का सेवन फ़ायदेमंद होता है। इन्हें रात भर भिगोकर रखें और सुबह में
चाय या दूध के साथ, खाने से आधे घंटे पहले लेने से बहुत लाभ होता है।
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| अंकुरित अनाज |
अंकुरित अनाज
अंकुरित अनाज तथा
भीगी हुई दालों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अनाज को अंकुरित करने से उनमें
मौजूद पोषक तत्वों की क्षमता बढ़ जाती है। ये पचाने में आसान, पौष्टिक और स्वादिष्ट
होते हैं।
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| सलाद |
सलाद
भोजन के साथ सलाद का
उपयोग अधिक से अधिक करें। भोजन का पाचन पूर्ण रूप से हो, इसके लिए सलाद का सेवन
जरूरी होता है। ककड़ी, टमाटर, मूली, गाजर, पत्तागोभी, प्याज, चुकंदर आदि को सलाद
में शामिल करें। इनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद नमक हमारे लिए पर्याप्त होता है।
ऊपर से नमक न डालें।
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चोकर सहित अनाज |
चोकर सहित अनाज
गेहूं, ज्वार, बाजार,
मक्का जैसे अनाज का सेवन चोकर सहित करें। इससे कब्ज नहीं होगी तथा प्रतिरोध क्षमता
चुस्त-दुरुस्त रहेगी।
तुलसी
तुलसी का धार्मिक महत्व
अपनी जगह है मगर इसके साथ ही यह एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ाने में भी फ़ायदेमंद है। रोज सुबह तुलसी के 3-5 पत्तों का सेवन करें।
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| प्राणायाम |
योग
योग व प्राणायाम शरीर को
स्वस्थ और रोग मुक्त रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी जानकार से
इन्हें सीख कर प्रतिदिन घर पर इनका अभ्यास किया जाना चाहिए।
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| हंसना |
हंसना जरूरी है
हंसने से रक्त संचार
सुचारु होता है और हमारा शरीर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण करता है। तनाव मुक्त
होकर हँसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है।
















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