Coronavirus
कोरोना का इलाज उपलब्ध न
होने के चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोरंटाइन को ही बचाव का सबसे अच्छा तरीका बता रहे
हैं। कोरंटाइन उन लोगों को ही किया जाता है, जो किसी भी वजह से कोरोना मरीजों के
सम्पर्क में आए हों। पूरे देश में कुछ लोग इससे गुजर रहे हैं। पर, कुछ लोग इसे सजा
मानकर बच रहे हैं। जबकि, यह सजा नहीं, बल्कि संबंधित व्यक्ति और उसके परिवार के
लिए जरूरी है। बॉलीवुड की कई हस्तियां भी कोरंटाइन का समर्थन कर रही हैं।
कोरंटाइन या उपचार से मना करने पर सख्ती भी बर्ता जा रहा है
कोरोना को सरकार महामारी
घोषित कर चुकी है। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति इन निर्देशों के बावजूद कोरंटाइन या
इलाज से इनकार करता है तो प्रशासन के पास उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी अधिकार
है। इसके बावजूद देश में कुछ जगह कोरंटाइन से भागने वाले मरीजों के खिलाफ रिपोर्ट
भी दर्ज की गई है।
कोरंटाइन क्या है?
कोरंटाइन के तहत व्यक्ति
को 14 दिन तक एकांत में रहने को कहा जाता है, ताकि यदि संबंधित व्यक्ति को संक्रमण
हो तो, वह दूसरे लोगों के सम्पर्क में न आ सके। इसके तहत लोगों को अपने घर के एक
कमरे में सीमित रहने को कहा जाता है, जिसमें शौचालय की सुविधा भी हो। यह
ध्यान रखना है कि व्यक्ति खुद सफाई का ध्यान रखे, साथ ही इस कमरे में कोई दूसरा
व्यक्ति न आए और यदि आना जरूरी हो तो मास्क पहनकर पूरी एहतियात से ही आए। देश में
विदेश से आए लोगों या संदिग्ध मरीजों के भी सम्पर्क में आए लोगों को अनिवार्य तौर
पर 14 दिन कोरंटाइन के निर्देश दिए जा रहे हैं।
मेडिकल टीम हर रोज फोन पर रिपोर्ट लेती है।
इस दौरान व्यक्ति पर
खानपान या जीवनशैली से जुड़े सामान्य काम पर कोई प्रतिबंध नहीं होता। जब तक बीमारी
के लक्षण दिखाई न दे तब तक, मेडिकल टेस्ट भी नहीं होते हैं। मेडिकल टीम संबंधित
व्यक्ति से हर रोज दूरभाष के जरिये हाल-चाल पूछती है। सब सामान्य होने पर 14 दिन
बाद व्यक्ति को मुक्त कर दिया जाता है। यदि बीमारी के लक्षण उनमें दिखें तो
जरूरी जांच की जाती है। कोरोना की पुष्टि हो जाने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती
किया जाता है।
यदि आप या आपके परिवार को
कोई व्यक्ति विदेश से यात्रा कर के आए हो तो इसकी सूचना स्वास्थ्य केंद्र को
दे। इससे आप और आपके आस पास के लोग कोरोनावायरस से सुरक्षित रहेंगे।
विदेश से लौटे या कोरोना
के मरीजों के संपर्क में आए लोगों को कोरंटाइन करने का मुख्य मकसद संक्रमण का
प्रसार रोकना है। इससे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। यह आपके और आपके
परिवार के लिए बहुत जरूरी है। कोरंटाइन घर पर ही होता है और इससे घबराने की बजाय
संयम बरतना चाहिए।
बिहार में कोरोना
वायरस को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क दिखाई दे रही है। इससे बचाव के लिए राज्य
सरकार द्वारा कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य
मंत्री अश्विनी चौबे ने कोरोना वायरस से बचने का उपाय बताया है।
अश्विनी चौबे ने गुरुवार
को संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लोग धूप में खड़े होने की
कोशिश करें, इससे लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि 11 बजे से 2 बजे तक तेज धूप निकलती
है। कोशिश करनी चाहिए कि 10-15 मिनट तक धूप सेकें, इससे विटामिन डी मिलती है।
हमारी इम्युनिटी (रोग प्रतिरक्षण) बढ़ती है। चौबे ने कहा कि धूप में खड़ा होने से
कई तरह के वायरस खत्म हाेते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे
कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार पूरी तरह सजग है। इससे बचाव के लिए केंद्र
सरकार अहम कदम उठा रही है। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है।
जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक कोरोना से बचाव के लिए काम किया जा रहा है। वहीं लोग
भी जागरुक रहें, तो इस वायरस से लड़ा जा सकता है।





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